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चैंपियन विश्वनाथन आनंद :पिक्चर अभी बाकी है दोस्तों !

by Niklesh Jain - 05/08/2019

पेरिस ग्रांड चेस टूर को सम्पन्न हुए कुछ दिन बीत चुके है पर आनंद की ब्लिट्ज़ के विजेता बनने की बात अब भी मेरे दिमाग में घूम रही है ,इस दौरान में सोच रहा था की आखिर वह क्या बात होगी जो आनंद को हमेशा प्रेरित करती होगी, आखिर कैसे आनंद अपनी उम्र से इतने कम के युवा खिलाड़ियों के साथ खेलते वक्त उनकी ऊर्जा और उम्र को मात देने का हौसला रख पाते है,आखिर कैसे आनंद आज भी अपनी क्षमता पर भरोसा करते हुए हर बार वापसी करते हुए कुछ ना कुछ बड़ा कर जाते है ! पेरिस ग्रांड चेस टूर में ब्लिट्ज़ के मुकाबलों के आखिरी छह राउंड में विश्वनाथन आनंद नें 5 अंक बनाकर ना सिर्फ ब्लिट्ज़ का खिताब जीता बल्कि रैपिड और ब्लिट्ज़ मिलाकर दूसरे स्थान पर रहे । आनंद की इस जीत के मायने ढूंढते पढे इस लेख को



आज से लगभग 5 साल पहले  2014 में मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित डेली कॉलेज में हुए एक कार्यक्रम में मैंने उनसे कुछ सवाल पूछे थे जिनके जबाब तब भी उतने ही खास थे जितने आज और शायद यही बात उन्हें खास बनाती है ,आनंद तब भी उनको लेकर उतने ही संजीदा नजर आते है तब मैंने उनसे कई सवाल किये थे

और उनमें से एक था की - आप किस तरह बार बार यूँ वापसी कर पाते है

आनंद - "मैंने अपने खेल जीवन के बेहद शुरूआती दौर में ही यह बात समझ ली थी की मुझे पिछले मैच को जितना जल्दी हो सके भूल जाना है ताकि मैं अगले मैच पर ध्यान लगा सकूँ "

आनंद की यह बात कई मायने में हमें यह सिखाती है की आखिर हमें इस खेल को किस तरह से खेलना चाहिए तो कुल मिलाकर भावनाओं पर नियंत्रण आनंद की सबसे बड़ी काबलियतों में से एक रही है .

पेरिस ग्रांड चेस टूर में भारत के विश्वनाथन आनंद नें रैपिड में सयुंक्त तीसरे स्थान पर रहने के बाद ब्लिट्ज़ शतरंज में कमाल का प्रदर्शन करते हुए ना सिर्फ पहला स्थान हासिल किया बल्कि 20 अंक बनाकर ओवरआल भी वह दूसरे स्थान पर रहे । ओवरआल ग्रांड चेस टूर खिताब 20.5 अंको के साथ फ्रांस के मेक्सिम लागरेव के नाम रहा ।

बात करे ब्लिट्ज़ की तो आनंद नें कुल 10.5 अंक बनाए और इतने ही अंक बनाने वाले पोलैंड के जान डुड़ा और पिछले वर्ष के चैम्पियन अमेरिका के हिकारु नाकामुरा को टाईब्रेक में पीछे छोड़ दिया । खैर इस वर्ष 50 के होने जा रहे आनंद नें एक बार फिर युवाओं का खेल माने जाने वाले रैपिड और ब्लिट्ज़ में अपनी क्षमताओं से दुनिया को चकित कर दिया है और अपने से उम्र में आधे युवाओं को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि हासिल की ।

अंतिम 6 राउंड में किया कमाल – आनंद रैपिड में ठीक ठीक प्रदर्शन करने के बाद ब्लिट्ज़ में 12 राउंड में 5.5 अंक बनाकर चौंथे स्थान पर थे तभी आनंद नें पहले रूस के अलेक्ज़ेंडर ग्रीसचुक के आक्रमण को जिस अंदाज में नितेस्ज साबित किया वह काफी काबिले तारीफ था देखे यह मैच

( फाइल फोटो )

फिर बारी थी अमेरिका के फबियानों करूआना की जो आनंद के दबाव के सामने अपना हठी ही गवां बैठे और आनंद नें एक और जीत दर्ज करते हुए अपनी वापसी की नीवं रख दी

पिछले वर्ष भारत के कोलकाता में हुए टाटा स्टील ब्लिट्ज तो आपको याद होगा ही जब आनंद नें नाकामुरा को हराकर सभी को चौंकाते हुए ख़िताब जीत लिया था एक बार फिर उन्होंने पेरिस ग्रैंड चेस टूर में हिकारु नाकामुरा को मात देकर दूसरे स्थान पर जगह बनाई

तो उसके बाद अंतिम राउंड में रूस के इयान नेपोम्नियची को मात देकर ब्लिट्ज़ का खिताब अपने नाम कर लिया ।

देखे हिंदी चेसबेस इंडिया के सौजन्य से यह विडियो आनंद की ब्लिट्ज जीत के बारे में

प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर सभी प्रतिभागी

अपने इस प्रदर्शन के चलते आनंद नें अपनी ग्रैंड चेस टूर की ओवरआल रैंकिंग में भी सुधार करते हुए अंतिम स्थान से सीधे सातवे स्थान तक छलांग लगाई है




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