अभिमन्यु के पराक्रम से जिंदा भारत की उम्मीद !!
भारतीय सभ्यता में अभिमन्यु का नाम बेहद ही शौर्य और वीरता के लिए जाना जाता है ,कहते है की जब महाभारत के युद्ध में युवा अभिमन्यु नें युद्ध किया था तो उसके सामने बड़े बड़े दिग्गज भी धराशायी हो गए थे कुछ उसी तरह विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में भारत के सबसे दिग्गज माने जा रहे खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन के बीच भारत के युवा ग्रांड मास्टर और अपने नाम को चरितार्थ करते हुए अभिमन्यु पौराणिक एक के बाद एक बड़े बड़े नामों को पराजित करते हुए आगे बढ़ते जा रहे है और अगर उनका यही प्रदर्शन जारी रखा तो भारत विश्व चैंपियनशिप से खाली हाथ वापस नहीं लौटेगा। बालिका वर्ग में वार्षिनी वी नें भी अपने खेल जीवन का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत की पदक की उम्मीद कायम रखी है । वही ईरान के परहम नें जीत का परचम कुछ यूं लहराया है की उनका विश्व जूनियर चैम्पियन बनना अब लगभग तय हो गया है ।
गेब्जे ,टर्की में चल रही विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप के राउंड 9 मे भारतीय ग्रांड मास्टर अभिमन्यु पौराणिक नें प्रतियोगिता में अपनी छठी जीत दर्ज करते हुए खिताब के दावेदार में शुमार ईरान के अलीरेजा फिरौजा को पराजित करते हुए ना सिर्फ एक और उलटफेर किया बल्कि अब वह पदक की दौड़ में शामिल भारत की एकमात्र उम्मीद भी है । सिसिलियन मार्कोज़ी बाइंड ओपनिंग में अभिमन्यु के वजीर के हिस्से से आक्रमण को अलीरेजा नहीं समझ सके और अभिमन्यु नें अपना लगातार दूसरा मैच अपनी ओपनिंग की गहरी समझ के चलते अपने नाम कर लिया । अब अभिमन्यु भारतीय खिलाड़ियों में सबसे आगे 7 अंक पर खेल रहे है और एक और जीत उनका रजत या कांस्य पदक तय कर सकती है ।
वार्षिनी की वीरता से बंधी पदक की उम्मीद !
दो राउंड पहले तक भारतीय बालिका वर्ग में पदक की उम्मीद लगभग समाप्त नजर आ रही थी पर अपने बेहद शानदार खेल से वी वार्षिनी नें भारत के लिए पदक की उम्मीद कायम रखी है
इस शानदार खेल का विश्लेषण किया है डबल्यूआईएम एलेक्ट अमृता मोकल नें :
ईरान के परहम मघसूद का विजेता बनना लगभग तय -
ईरान की सनसनी और प्रतियोगिता में शीर्ष पर पहुंचे दो भारतीय हर्षा और कार्तिक को पराजित करने वाले परहम नें नौवे राउंड में अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी अमेरिका के लियांग आवोण्डर (6.5) को पराजित करते हुए 8.5 अंक बना लिए है और अब वह दूसरे स्थान पर अभिमन्यु समेत तीन खिलाड़ियों से 1.5 अंक आगे निकल गए है और ऐसे में एक जीत और या दो ड्रॉ उन्हे खिताब दिला सकते है और अब कोई चमत्कार ही उन्हे विजेता बनने से रोक सकता है ।
भारतीय खिलाड़ियों का अब तक का प्रदर्शन !
भारत के अन्य परिणामो में दिन अच्छा साबित नहीं हुआ और कार्तिक वेंकटरमन (6)की रूस के वोवोलीन मेक्सिम के हाथो हार नें तो उनके पदक की उम्मीद लगभग समाप्त कर दी तो वापसी की कोशिशों में लगे शीर्ष भारतीय मुरली कार्तिकेयन(5.5) को रोमानिया के डेविड गवरलिसकुए के हाथो हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गए । हर्षा भारतकोठी (5) , सुनील नारायणन (5.5)और अरविंद चितांबरम (5) के ड्रॉ खेलने से उनकी पदक की उम्मीद भी लगभग समाप्त हो गयी । महिला खिलाड़ियों में सिर्फ भारत की वार्षिनी वी अगर लगातार दो मैच जीती तो पदक की उम्मीद बना सकती है वरना फिलहाल तो भारतीय चुनौती समाप्त नजर आ रही है ।