chessbase india logo

वापसी के बाद कोई लक्ष्य नहीं बनाया था - कोनेरु हम्पी

by Niklesh Jain - 14/05/2020

मुझे खुशी है की मैं महिला वर्ग में देश के लिए पहला विश्व टाइटल जीतने में कामयाब रही- यह कहना है पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला शतरंज खिलाड़ी मौजूदा विश्व रैपिड चैम्पियन कोनेरु हम्पी का जिन्होने कुछ दिनो पूर्व हिन्दी के प्रमुख अखबार पंजाब केसरी को इंटरव्यू दिया । विश्व शतरंज ताज की बड़ी दावेदार और कुछ माह पहले ही विश्व रैपिड चैम्पियन बनने वाली कोनेरु नें अपने शतरंज जीवन के पूर्व की उपलब्धियों वर्तमान के प्रयास और भविष्य की योजनाओं पर बातचीत की । आपको बता दे की कुछ दिनो पूर्व ही हुए फीडे ऑनलाइन नेशन्स कप के अलावा कुछ चैरिटी के मुकाबलों मे ही वह खेलते नजर आ चुकी है । आइये पढे यह इंटरव्यू 

सवाल - आपने 2019 के अंत मे पहली बार सीनियर वर्ग में विश्व रैपिड का खिताब जीता ,कितनी खास थी यह उपलब्धि 

कोनेरु हम्पी - निश्चित तौर पर यह एक सपने के सच होने जैसा था ,मैं हमेशा विश्व चैम्पियन बनना चाहती थी वह भी सीनियर चैंपियनशिप में पर मैं हमेशा आयु वर्ग में तो विश्व चैम्पियन बनी जैसे विश्व यूथ और विश्व जूनियर पर सीनियर में मुझे रजत पदक ही हासिल हुआ था । और मैं विश्व टाइटल क्लासिकल फॉर्मेट में बनना चाहती थी जब मैं अपने खेल जीवन के शीर्ष पर थी ,विश्व रैपिड टूर्नामेंट की शुरुआत में मैंने सोचा था की अगर मैं शीर्ष 5 में रही तो यह एक शानदार परिणाम होगा पर मुझे खुशी है की मैं महिला वर्ग में देश के लिए पहला विश्व टाइटल जीतने में कामयाब रही 

सवाल - माँ बनने के दौरान लंबे समय से खेल से वापसी कितनी आसान रही ?

कोनेरु हम्पी - जब मैंने वापसी की तो दरअसल मेरे दिमाग में कोई लक्ष्य नहीं था मैं बस अच्छा शतरंज खेलना चाहती थी और शीर्ष के आस पास रहने की कोशिश करना चाहती थी मैं कोई खिताब जीतने के लिए नहीं खेल रही थी । मैं बस अपनी विश्व रैंकिंग स्थिर रखना चाहती थी । शुरुआत में इसमें काफी मुश्किले भी आई और रूस में नॉकआउट में और ओलंपियाड में परिणाम से दिल भी टूटा ,विश्व रैपिड और ब्लिट्ज़ के 2018 के संस्करण में प्रदर्शन बेहद खराब गया तो यह आसान नहीं था पर 2019 जिब्राल्टर में मैं लय में लौटने लगी थी और चाईनीस लीग में भी अच्छा खेली, हालांकि मैं अब पहले जितना समय खेलने में नहीं दे रही हूँ

सवाल - लॉकडाऊन के चलते इस समय क्या आप ट्रेनिंग कर रही है ? और आप युवा भारतीय खिलाड़ियों को क्या सलाह देना चाहेंगी ?

हम्पी - हँसते हुए ,निश्चित तौर पर यह समय मेरे लिए तैयारी का नहीं है और मैं अधिकतर अपनी बेटी के साथ व्यस्त होती हूँ इस समय मे ज्यादा से ज्यादा 1 घंटे के लिए खेल से जुड़ी रहती है ।पर जहां तक बात है हमारे कई युवा खिलाड़ियों को इस समय अपनी ओपेनिंग पर ध्यान देना चाहिए और उन्हे और विस्तार देना चाहिए । साथ ही अपनी योजना बनाने और एंडगेम को खत्म करने के तरीके मे सुधार लाना चाहिए यह ही इस समय का सुदुपयोग होगा ।

सवाल - ऑनलाइन शतरंज के बारे में क्या सोचती है ?

हम्पी - निश्चित तौर पर मेरे लिए शतरंज का क्लासिकल ही सबसे बेहतर फॉर्मेट है पर ऑनलाइन खेलते वक्त आपको तेज खेलना ही होगा । ऑनलाइन खेलते वक्त मनोवैज्ञानिक तौर पर कोई दबाव नहीं होता जबकि बोर्ड पर खेलते वक्त आपको इसका सामना करना करना होता है । अब चूकी हम बाहर नहीं खेल सकते निश्चित तौर पर अभी के लिए ऑनलाइन शतरंज खेलना अच्छा है ।

फीडे नेशंस कप में आप भारत से खेली इसके बारे मे क्या कहेंगी ? जब समय इतना बुरा चल रहा है हम उसमें भी कुछ अच्छा हासिल करने की कोशिश कर रहे है और शतरंज के लिए यह अच्छा है पर मुझे उम्मीद है हम सभी सावधानी बरतेंगे और इस कोरोना से बाहर निकलेंगे और सामान्य खेल की फिर से शुरुआत होगी । फीडे ऑनलाइन नेशन कप विश्व शतरंज संघ का बेहतरीन प्रयास है और मुझे उम्मीद है यह बेहद मजबूत टीम प्रतियोगिता दर्शको का मनोरंजन करेगी और हमें एक कठिन चैंपियनशिप खेलने मिलेगी ।

आप अपने देश के लोगो को क्या संदेश देना चाहेंगी ? हमारे देश के सभी डॉक्टर ,पुलिस ,स्वस्थ्य कर्मी और घर घर जाकर सुविधा देने वाले लोग बड़ा काम कर रहे है उन सबको मेरा नमन है क्यूंकी यह देश के लिए महान कार्य कर रहे है अपनी जान जोखिम मे डालकर । और मैं सभी लोगो से निवेदन करती हूँ की आप शारीरिक दूरी का ध्यान रखे ,मास्क पहने और अपने हाथ लगातार धोते रहे और चूकी हमारा स्वास्थ्य हमारे हाथ मे है इसका ध्यान रखे । कोनेरु हम्पी फिलहाल विश्व रैंकिंग मे दूसरे स्थान पर काबिज है , आपको बता दे की कोनेरु हम्पी मात्र 15वर्ष मे ही शतरंज की ग्रांड मास्टर बन गयी थी और शतरंज मे 2600 का रेटिंग छूने वाली पहली भारतीय तो विश्व इतिहास की दूसरी महिला खिलाड़ी बनी थी ।

स्त्रोत - पंजाब केसरी 

पंजाब केसरी में प्रकाशित उनका इंटरव्यू 

जगबानी में पंजाबी में प्रकाशित उनका इंटरव्यू