पूर्व विश्व चैम्पियन गैरी कास्पारोव 57 वर्ष के हुए
महानतम शतरंज खिलाड़ियों मे अपना स्थान रखने वाले गैरी कास्पारोव नें आज अपने जीवन के 57 पड़ाव पूरे कर लिए । सन्यास लेने के 15 वर्षो बाद आज भी शतरंज की दुनिया में उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है और अब भी उन्हे चाहने वाले उनके खेलो का अध्ययन कर सीख लेते रहते है । 1985 में वह 22 वर्ष की आयु में विश्व चैम्पियन बनकर शतरंज की दुनिया में तूफान की तरह छा गए थे । पोजिसनल शतरंज के मास्टर कहे जाने वाले अनातोली कारपोव को मात देकर उन्होने विश्व खिताब अपने नाम किया था । फिशर के जाने के बाद जैसे दुनिया को एक और ऐसा आक्रामक खिलाड़ी मिला था जो बोर्ड पर स्थिति को असंतुलित बनाने के लिए प्रख्यात हुआ । चेसबेस की स्थापना में भी उनका योगदान रहा । पढे यह लेख
पूर्व विश्व गैरी कास्पारोव 56 वर्ष के हुए ,1995 मे आनंद से हुआ था मुक़ाबला
पूर्व विश्व चैम्पियन और अब तक के सबसे महान शतरंज खिलाड़ी कहे जाने वाले रूस के ग्रांडमास्टर गैरी कास्पारोव आज 56 वर्ष के हो गए । 13 अप्रैल 1963 में उस समय के सोवियत यूनियन के हिस्से और आज के अजरबैजान के बाकू में हुआ था । 1986 से लेकर 2005 में सन्यास लेने तक वह लगातार 20 वर्ष विश्व के नंबर एक खिलाड़ी रहे जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है । वर्ष 1999 में शतरंज में उस समय सबसे ज्यादा रेटिंग अंक 2851 हासिल कर भी उन्होने इतिहास बनाया था हालांकि बाद में 14 वर्ष बाद 2013 में मेगनस कार्लसन नें इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था । कास्पारोव के नाम आज भी लगातार 15 अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतने का रिकॉर्ड कायम है साथ ही उन्होने 11 बार शतरंज ऑस्कर अपने नाम किया जो अभी तक अधिकतम है ।
22 वर्ष की उम्र में भी सबसे युवा विश्व चैम्पियन बनने का रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम है । 1985 में उन्होने उस समय के विश्व चैम्पियन रूस के ही अनातोली कारपोव को पराजित करते हुए विश्व चैम्पियन का ताज हासिल किया था । विश्व शतरंज संघ से विवाद के बाद एक समय उन्होने पीसीए नाम की अलग संस्था बनाकर अपनी अलग विश्व चैंपियनशिप भी कराई ।
वह कंप्यूटर इंजन दीप ब्लू के खिलाफ भी मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने थे जो उस समय बेहद चर्चित हुआ था 1996 मे उन्होने दीप ब्लू को 4-2 से हराया तो 1997 मे दीप ब्लू नें उन्हे 3.5-2.5 से हरा दिया था ।
भारत से उनका नाता 1995 में विश्वनाथन आनंद के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप खेलने से जुड़ता है जब न्यू यॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुई विश्व चैंपियनशिप में उन्होने आनंद को हराकर अपना विश्व खिताब कायम रखा था ।
चेसबेस की स्थापना मे गैरी कास्पारोव नें एक बड़ी भूमिका निभाई थी देखे चेसबेस इंडिया पर प्रकाशित यह कहानी खुद चेसबेस के संस्थापक फ़्रेडरिक की जुबानी
हिन्दी चेसबेस इंडिया पर प्रकाशित कास्पारोव के कुछ खास मुक़ाबले
जब दो हथियों की कुर्बानी से उन्होने टोपालोव ओ मात दी