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क्या सोचते है एआईसीएफ़ के नए पदाधिकारी , खास बातचीत

by Niklesh Jain - 16/03/2024

पिछले दिनो 10 मार्च को भारतीय शतरंज के लिए एक खास दिन था और यह खास दिन किसी टूर्नामेंट के आयोजन या फिर किसी खिलाड़ी की किसी बड़ी उपलब्धियों की वजह से नहीं बल्कि अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ( एआईसीएफ़ ) की नयी कार्यसमिति के चुनाव की घोषणा की वजह से था , पिछले कई बार से चुनावों में हुए कई विवादों से उलट इस बार यह चुनाव बेहद शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए , किसी भी राष्ट्रीय संघ में निर्विरोध निर्वाचन अपने आप में एक अनोखी घटना मानी जा सकती है साथ ही नेशनल स्पोर्ट्स कोड के तहत इस बार चुने हुए अधिकतर चेहरे नए है , ऐसे में चेसबेस इंडिया नें अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के नव निर्वाचित अध्यक्ष नितिन नारंग , सचिव देव पटेल से संक्षेप और कोशाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार से विस्तृत बातचीत की । पढे यह लेख 

अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के प्रमुख पदाधिकारियों से खास बातचीत 

पिछले 10 मार्च को अखिल भारतीय शतरंज की नयी कार्यकारिणी अस्तित्व मे आई जब 2024 से 2027 के कार्यकाल के लिए नवीन पदाधिकारियों के चुनाव का परिणाम आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति रंग नाथ पांडे और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एसएस सिस्तानी नें घोषित किए 

हमेशा से सुनते चले आए कई नामों के बीच इस बार नेशनल स्पोर्ट्स कोड को लागू करते हुए एआईसीएफ़ नें सभी को नए नामों से चौंका दिया । ऐसे मे नए निर्वाचित प्रमुख सदस्यों से चेसबेस इंडिया नें संपर्क साधने की कोशिश की और हमने नव निर्वाचित अध्यक्ष नितिन नारंग और सचिव देव पटेल से संछिप्त और जाने माने अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक और अब कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार से विस्तृत बातचीत की । 

एआईसीएफ़ के नवीन अध्यक्ष नितिन नारंग शतरंज प्रेमियों के लिए एक नया नाम है , वह इससे पहले यह पद सम्हालने वाले एन श्रीनिवासन , वेंकट रामा राजा , संजय कपूर की कड़ी मे अगले अध्यक्ष होंगे । चेसबेस इडिया नें उनसे बातचीत की और उन्होने कहा 

"जैसे ही मैं अखिल भारतीय शतरंज महासंघ में अध्यक्ष की भूमिका में कदम रख रहा हूं, मैं मुझ पर दिए गए विश्वास के लिए बहुत आभारी हूं। हमारे खिलाड़ी हमारे देश के शतरंज समुदाय का दिल हैं, और मैं उनके विकास और सफलता के लिए प्रतिबद्ध हूं।पारदर्शिता और संवाद हमारी यात्रा का मार्गदर्शन करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा हर कदम उत्कृष्टता और समावेशिता को बढ़ावा देगा।शतरंज एक खेल से कहीं अधिक है; यह भारत भर में लाखों दिमागों और दिलों को एकजुट करने की शक्ति के साथ बुद्धि, रणनीति और एकता का प्रतीक है। मैं इस खूबसूरत खेल को बढ़ावा देने और वैश्विक उत्कृष्टता प्राप्त करने में प्रत्येक हितधारक-खिलाड़ियों, मध्यस्थों, कोचों और राज्य संघों का समर्थन करने के लिए समर्पित हूं। मेरी आकांक्षा है कि भारत को ग्रैंडमास्टरों के देश के रूप में उभरते हुए, वैश्विक आयोजनों में प्रतिभा के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच को रोशन करते हुए शतरंज को हर भारतीय घर का एक पसंदीदा हिस्सा बनाया जाए"

वह आगे ज़ोर देकर कहते है " मेरा उदेश्य है "घर घर चैस - हर घर चैस "भारतीय शतरंज वैसे तो शीर्ष स्तर पर नई ऊंचाइयों पर जा ही रहा है ,मैं चाहता हूँ की यह हर घर के संस्कार में भी शामिल हो ,यह बौद्धिक खेल परिवारों को ,पीढ़ियों को आपस में जोड़ता है और हर बच्चे को पढ़ाई से लेकर उसके जीवन पर्यंत तक सही निर्णय लेने में मदद करता है ,यह खेल घर घर पहुंचे ,हर घर पहुंचे । यही मेरा उद्देश्य है "

गुजरात शतरंज संघ की और से नामित किए गए 24वर्षीय देव पटेल अखिल भारतीय शतरंज संघ के इतिहास के सबसे युवा सचिव है , वह वर्तमान मे गुजरात शतरंज संघ के अध्यक्ष है और पूर्व अध्यक्ष अजय भाई पटेल के बेटे है । उनसे संपर्क करने पर उन्होने कहा 

" हम शतरंज को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएँगे , फिलहाल हम सबका ध्यान कुछ कहने से ज्यादा करने पर है और हमारी कोशिश होगी की हमारा काम ही हमारी बात सबके सामने रखे "

नवीन पदाधिकारियों की सूची में संभवतः कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ( बिहार )शतरंज में सबसे सक्रिय और जाना पहचाना नाम है , चेसबेस इंडिया नें उनसे विस्तृत बातचीत की 

निकलेश – आपके सबसे पहले आपको बहुत बहुत बधाई ,अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के कोषाध्यक्ष चुने जाने पर इस पर आपकी क्या भावना है ?

धर्मेंद्र कुमार  – धन्यवाद निकलेश जी , जहां तक मेरी भावना की बात है तो मैं ये कहूँगा जो भी लोग ऐसा चाहते थे उन सभी को धन्यवाद करता हूँ , मेरी नजर में यह एक उपलब्धि नहीं एक ज़िम्मेदारी है । जो की मुझे दी गई है , मैं इसे इसी तरह से लेता हूँ । 

निकलेश – पिछले कुछ समय से एआईसीएफ़ के चुनाव काफी विवादों में रहे है , लंबे समय बाद इस तरह का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है । इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ? क्या यह भारतीय शतरंज के लिए एक नयी शुरुआत है ?

धर्मेंद्र कुमार – जहां तक विवाद की बात है तो मैं यह मानता हूँ की चुनाव होगा तो हर कोई आगे आके काम करना चाहता है , थोड़ी तल्खियाँ आती है , थोड़ी नोकझोक होती है और यह स्वाभाविक है , पर महत्वपूर्ण यह है की एक बार निर्वाचन की प्रक्रिया समप्न्न होने के बाद सारे लोग एक दिशा में काम करे यह महत्वपूर्ण है । 

निकलेश– पर इससे पहले जब चुनाव हुए उसके बाद भी कई वाद विवाद सामने आए , तो आपको लगता है इस बार संघ सभी को साथ में लेकर चलने के लिए तैयार है ?

धर्मेंद्र कुमार – बिलकुल इस बार जो भी लोग इस बार कार्यसमिति में चुनकर आए है उन सबका उद्देश्य बड़ा सकारात्मक है और उन सब की सोच मिलकर काम करने की है और शतरंज के लिए सभी सामूहिक तौर पर अच्छे कार्य करने की मंशा रखते है । 

निकलेश – एआईसीएफ़ के कोषाध्यक्ष के पद पर आप आए है , एआईसीएफ़ पिछले एक दशक में वित्तीय तौर पर बेहद मजबूत हुआ है , कई अच्छे निर्णय भी इस दौरान लिए गए , प्रमुख खिलाड़ियों को बड़े आयोजन के लिए सहयोग किया गया , इसके अलावा शतरंज ओलंपियाड , ग्रां प्री जैसे बड़े आयोजन भी हुए पर साथ साथ कई बाते विवादों में रही , जैसे इंडियन चैस लीग घोषणा हके बाद भी नहीं हुई , उसके बाद कई वित्तीय गड़बड़ी के आरोप भी लगे। आप एक महत्वपूर्ण पद पर आये है , आपकी क्या सोच है ? 

धर्मेंद्र कुमार – देखिये , अभी तो ज़िम्मेदारी ली है यह मेरे लिए बिलकुल नई है , हमें इसकी समीक्षा करनी होगी जो अब तक हुआ है , कैसे हुआ है , मैं पीछे ना देखकर आगे देखना चाहता हूँ , हम शतरंज के लिए आगे क्या कर सकते है, वो सोचना चाहता हूँ । यह कोष की ज़िम्मेदारी है तो पारदर्शिता आवश्यक है , विश्वास आवश्यक है , अगर लोगो की भरोसा है और पारदर्शिता है तो काम निश्चित तौर पर बेहतर दिशा में बढ़ेगा । तो आगे जो भी योजनाए आएंगी , उनके के लिए बजट बनाना होगा ,कोष की समीक्षा करनी होगी ,अगर कोष की कमी है तो उसका इंतजाम करना होगा उसकी पूर्ति के इंतजाम करने होंगे , तो यह सब मेरी ज़िम्मेदारी में आता है , तो पूरी कार्यसमिति इसकी समीक्षा करेगी और मेरा विश्वास है की योजनाबद्ध तरीके से हम इन्हे सम्पन्न करेंगे । 

निकलेश– आप खुद लंबे समय तक आयोजक रहे है , निर्णायक है , अभी अभी आपने राष्ट्रीय स्कूल स्पर्धा का सफल आयोजन किया है ,आज भी भारत में शतरंज टूर्नामेंट का सफल आयोजन करना एक चुनौती का काम है , एक टूर्नामेंट के आयोजन से पहले ही एक आयोजक को एक बड़ी राशि का इंतजाम करना होता है एक टूर्नामेंट की अनुमति लेने के लिए , क्या आप इस व्यवस्था में कुछ सुधार करने की सोचते है ? 

धर्मेंद्र कुमार – प्रतियोगिताओं का आयोजन तो निश्चित तौर पर हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है , जितनी ज्यादा प्रतियोगिताएं निचले स्तर से उच्च स्तर तक आयोजित होंगी उतने नयी प्रतिभाए सामने आएंगी । इसके लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए एआईसीएफ़ अपने स्तर पर राज्य संघो को वित्तीय मजबूत करने की कोई योजना कार्यसमिति अगर लाती है तो उसको लागू करने की पूरी कोशिश हमारी होगी । हमारे नव निर्वाचित अध्यक्ष , सचिव और पूरी कार्यसमिति विचार विमर्श करके राज्य और जिला संघो को भी मजबूत करने की कोशिश करेगी । उन्हे कैसे वित्तीय सहायता कैसे दी जा सकती है , स्थानीय स्तर पर कैसे प्रशासन का सहयोग मिल सकता है इस तरह की योजना का भाव होगा । लेकिन हमें आशा है की आने वाले समय में कार्यसमिति इस पर गंभीरता से कार्य करेगी की कैसे जमीनी स्तर से खेल और संस्थाओं को मजबूत करें । 

धन्यवाद धर्मेंद्र जी हमसे बात करने के लिए ,आप बिहार से आते है यह वह राज्य है जहां शतरंज अभी भी विकसित राज्यो से पीछे है , खास तौर पर हिन्दी भाषी राज्य , हम उम्मीद करते है की आप इन राज्यों के लिए भी कुछ ना कुछ योजना लाएँ । 

धर्मेंद्र कुमार  – निश्चित तौर पर शतरंज की दृष्टि से जो पिछड़ें राज्य है , विकाशशील है , हम उनको शतरंज की मुख्य विकसित धारा में लाने का प्रयास करेंगे । खिलाड़ियो का प्रतियोगिताओं का मुख्य धारा से जुड़ाव हो यह प्रयास करेंगे । 

अखिल भारतीय शतरंज महासंघ की नई कार्यसमिति अब पदभार सम्हाल चुकी है और अब देखना यह होगा की जल्द ही होने वाले फीडे कैंडिडैट और इसी वर्ष होने वाले शतरंज ओलंपियाड के अलावा इस वर्ष संघ किस तरह से खिलाड़ियों के हित में कुछ बेहतर करता है साथ ही किस तरह यह नई कार्यसमिति शतरंज की महाशक्ति बन रहे भारत की नई छाप देश और दुनिया में छोड़ती है । 

 


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