तो क्या भारत बनेगा ,ओलम्पियाड का विजेता ?
कहते है जब कोई बड़ा लक्ष्य आपकी नजरों के सामने हो तो उसके लिए प्रयास भी आपको समय पर शुरू करने होते है । भारत के लिए शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण पदक हासिल करना हमेशा से एक बड़ा सपना रहा है और आज जब देश मे पाँच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ,हरीकृष्णा और विदित 2700 रेटिंग से ज्यादा के खिलाड़ी और शशिकिरण ,सूर्य शेखर गांगुली ,अधिबन और सेथुरमन जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी मौजूद हो तो फिर भारत क्यूँ स्वर्ण पदक नहीं जीत सकता । यही सवाल हर शतरंज प्रेमी के मन मे उठना स्वाभाविक है । अगला ओलंपियाड जॉर्जिया के बातुमी में होने जा रहा है और इस बार अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के सचिव भारत सिंह चौहान नें इस दिशा में एक नयी पहल करते हुए भारत की ओलंपिक टीम में सभी दिग्गज सितारों को ना सिर्फ शामिल किया बल्कि टीम अभी से अपनी तैयारी शुरू कर चुकी है और ऐसे में जब अभी प्रतियोगिता में 6 माह से ज्यादा का वक्त बाकी है यह संभव नजर आता है तो क्या भारत इस बार ओलम्पियाड का सिरमौर बनेगा ?
दिल्ली ,( निकलेश जैन ) सितंबर के अंत में बातुमी जॉर्जिया में होने वाले 43वे शतरंज ओलंपियाड के लिए भारतीय शतरंज टीम इस बार बहुत ही मजबूत इरादो से भरी नजर आ रही है । यह पहला मौका है जब भारतीय टीम की तैयारी 6 माह पहले ही नजर आ रही है । और बड़ी बात यह है की इस बार विश्व शतरंज ओलंपियाड की टीम में पाँच बार के क्लासिकल विश्व चैम्पियन और वर्तमान रैपिड शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद भी नजर आएंगे और यह बात टीम में जोश भरने के लिए काफी है । तो कहना होगा की एआईसीएफ़ का यह प्रयास वाकई सराहनीय है ।
16 से 23 मार्च के बीच टीम के खिलाड़ी दिल्ली में प्रशिक्षण शिविर में टीम एक साथ तैयारी करते नजर आए । अखिल भारतीय शतरंज संघ के सचिव भारत सिंह चौहान नें बताया की संघ खिलाड़ियों को हर सुविधा और प्रशिक्षण उपलब्ध करा रहा है ताकि भारत इस बार सबसे बेहतर प्रदर्शन कर सके ।
कौन होंगे टीम में - टीम में वैसे तो 5 खिलाड़ी होते है पर इस समय टीम में कौन होगा इस का निर्णय उनकी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग के आधार पर होगा अगर वर्तमान की बात करे तो विश्वनाथन आनंद ( 2776 ) ,पेंटाला हरीकृष्णा (2731) , विदित गुजराती ( 2723) का स्थान नजर आता है । लेकिन बाकी के दो स्थान के लिए कृष्णन शशिकिरण ( 2671) ,सूर्य शेखर गांगुली ( 2657) ,भास्करन अधिबन ( 2650) और सेथुरमन ( 2649) के बीच कडा मुक़ाबला है और देखना होगा की कौन इनमें से टीम में जगह बनाता है । टीम के कोच ग्रांड मास्टर आरबी रमेश होंगे और उनका मानना है की इस बार भारत बढ़ी हुई ताकत से पहली बार शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण पदक हासिल कर सकता है ।
# | Name | Title | Fed | Rating | G | B-Year |
1 | Anand, Viswanathan | g | IND | 2776 | 2 | 1969 |
2 | Harikrishna, P. | g | IND | 2731 | 16 | 1986 |
3 | Vidit, Santosh Gujrathi | g | IND | 2723 | 0 | 1994 |
4 | Sasikiran, Krishnan | g | IND | 2671 | 0 | 1981 |
5 | Ganguly, Surya Shekhar | g | IND | 2657 | 8 | 1983 |
6 | Negi, Parimarjan | g | IND | 2656 | 0 | 1993 |
7 | Adhiban, B. | g | IND | 2650 | 9 | 1992 |
8 | Sethuraman, S.P. | g | IND | 2649 | 13 | 1993 |
सम्मान समारोह
यह पहला मौका था जब भारत नें अपने विजेताओं की जरूरतों को समझते हुए उन्हे सम्मान सुविधा और समय पर एक साथ लाने का काम किया है और इस कार्य में भारत सिंह चौहान जी नें एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और परिणाम कुछ भी भारत के लिए एक नए स्वर्णिम शतरंज युग की शुरुआत हो चुकी है ।
सीधे प्रसारण से टीम नें बांटे सभी के साथ अपने अनुभव !!
टीम के सभी सदस्यों नें अपने कई बेहतरीन अनुभव एआईसीएफ़ के सीधे प्रसारण कार्यक्रम में बांटे ,इसका सीधा प्रसारण चेसबेस इंडिया और नर्चर डाट काम के फेसबुक पेज पर भी किया गया । उम्मीद है यह नि शुरुआत और प्रयास भारतीय शतरंज टीम को तैयारी का भरपूर मौका देंगे और देश को ओलंपिक का सिरमौर बनने का मौका !
निकलेश जैन