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हरिकृष्णा जल्द ही होंगे चैलेंजर -भारत सिंह चौहान

by निकलेश जैन - 19/11/2016

भारत के लिए यह समय शतरंज के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है एक ओर जहां विश्व चैंपियनशिप चल रही है वही भारत के मुख्य नेशनल स्पर्धाओं का दौर भी चालू है । कर्जाकिन -कार्लसन मैच के बीच नेशनल प्रीमियर में हुई प्रतियोगिता में देरी चर्चा का विषय बना हुआ है ।आल इंडिया चैस फेडरेसन के सीईओ भारत सिंह चौहान अभी न्यू यॉर्क में है । चेसबेस इंडिया ने उनसे विश्व चैंपियनशिप से लेकर नेशनल प्रीमियर के उपर उनका और एआईसीएफ़ का क्या कहना है यह जानने की कोशिश की । आखिर कैसे हरिकृष्णा होंगे विश्व चैंपियनशिप के दावेदार ? क्या भारत भी आयोजन करेगा फिर से विश्व शतरंज चैंपियनशिप ? पढे ये भारत सिंह चौहान जी  से हुई बातचीत .. .

अखिल भारतीय शतरंज संघ के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी ) भारत सिंह चौहान इस समय न्यू यॉर्क में है और विश्व चैंपियनशिप को करीब से देख रहे है उनसे चेसबेस इंडिया ने दूरभाष (मोबाइल ) पर बातचीत की 

एआईसीएफ़ के सीईओ भारत सिंह अपने मित्र और एआईसीएफ़ कोषाध्यक्ष रविन्द्र डोंगरे के साथ 

 निकलेश जैन  - आप इस समय न्यू यॉर्क में है तो यह कैसा आयोजन है यहाँ क्या नया प्रयोग किया गया है ?

भारत सिंह चौहान  - यह एक शानदार प्रयास है और तकनीक के लिहाज से सीधा प्रसारण पहले से बहुत बेहतर हुआ है ?

विश्व चैंपियनशिप आयोजन  स्थल पर भारत सिंह 

निक- भारत में 2009 में हुई विश्व चैंपियनशिप से तुलना करने पर कैसा पाते  है इस बार के टूर्नामेंट को ?

भा॰सिंह - मुझे लगता है की चेन्नई भारत में किया आयोजन कई मायनों में ज्यादा बेहतर था । 

चेन्नई में ओपेनिंग से लेकर मैच तक सभी में आम जनता भी मैच देख सकती थी 

निक - क्यूँ ?

भा॰सिंह - पहली बात तो चेन्नई में पुरूष्कार राशि इस बार की विश्व चैंपियनशिप से ज्यादा थी और दूसरी मुझे लगता है की मैच खेलते वक्त खिलाड़ियों को अगर दर्शक सीधा देख पाते  है तो इससे  खेल को बढ़ावा मिलता  है मतलब मेरे हिसाब से चेन्नई का आयोजन इस मामले में काफी बेहतर था 

काँच की दीवार के एक तरफ दर्शक तो दूसरी ओर खिलाड़ी थे 

हमनें  अच्छे इंतजाम किए थे और लोग चाहे वो वीआईपी हों या सामान्य स्कूल के बच्चे सभी इन खिलाड़ियों को सामने पाकर रोमांच का अनुभव कर सकते थे जो यहाँ नदारद है । 

पुरुष्कार राशि के हिसाब से भारत में हुई विश्व चैंपियनशिप ही सबसे बेहतर विश्व चैंपियनशिप थी 

निक - क्या हमारा देश भारत भविष्य में राजधानी दिल्ली में कोई विश्व चैंपियनशिप का आयोजन देख सकता है ?

भा॰सिंह - क्यूँ नहीं अगर मौका मिला तो हम जरूर करना चाहेंगे । अगर हमारा कोई खिलाड़ी यहाँ तक पहुंचा तो हम जरूर यह आयोजन करेंगे । 

निक - आपको कोई ऐसा खिलाड़ी नजर आता है ?

भा॰सिंह - हाँ बिलकुल व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है की हरिकृष्णा  बहुत जल्द ही शायद 2 वर्ष के अंदर ही विश्व चैम्पियन बनने के दावेदार होंगे। मैंने उसे ओलंपियाड में दिग्गज खिलाड़ियों से खेलते देखा है और कार्लसन से ड्रॉ तो  कर्जाकिन को उन्होने पराजित किया था ।हरिकृष्णा  पिछले 2-3 वर्षो से लगातार आगे बढ़ रहे है और अब विश्व नंबर 10 है तो उम्मीद है मुझे । 

ओलंपियाड में कर्जाकिन को हार का स्वाद चखाया था हरिकृष्णा नें 

निक- तो क्या एआईसीएफ़ हरिकृष्णा के लिए कुछ विशेष सहयोग या योजना बनाएगा उन्हे कुछ खास सहयोग देगा ?

भा॰सिंह -  बिलकुल हरिकृष्णा को हम जिस तरह भी मदद कर सकते होंगे जरूर करेंगे । और अगर वो विश्व चैंपियनशिप तक पहुंचेंगे तो हम किसी भी कीमत में इसे भारत में आयोजित करने का पूरा प्रयास करेंगे । 

ओलंपियाड में कार्लसन -हरिकृष्णा मैच बराबरी पर छूटा था 

निक - आपकी हिसाब से भारत में विश्व शतरंज स्पर्धा को कितनी लोकप्रियता मिलती है ?

भा॰सिंह - भारत में अब शतरंज को देखने और समझने वाले बढ़े है ओर अखबारो से लेकर वैबसाइट में इसका कवरेज है पर हर कोई आनंद को मिस कर रहा है । मैं यहाँ न्यूयोर्क में भी उन्हे याद कर रहा हूँ । वो होते तो कुछ अलग ही बात होती । पर फिर भी भारत में विश्व शतरंज चैंपियनशिप को बहुत  दर्शक ऑनलाइन देख रहे है । 

सच में आनंद हम आपको बहुत याद करते है ! धन्यवाद ! आनंद !

 

निक - आपके हिसाब से कार्लसन -कर्जाकिन में अब किसका ज्यादा पडला भारी है ?

भा॰सिंह - पहले तो लग रहा था कार्लसन आसानी जीतना चाहिए । पर जिस तरह से कर्जाकिन डिफेंस कर रहा है वो देखने के बाद और छह मैच ड्रॉ होने के बाद मुझे लगता है अब ये मैच 50-50 हो चुका है कोई भी जीत सकता है । 

 

भारत सिंह के हिसाब से कर्जाकिन के चान्स बेहतर हुए है 

 निक- अब आपसे भारत की नेशनल प्रीमियर में हुए वाकये के बारे में पूछना चाहूँगा । भारत की सबसे मुख्य पुरुष स्पर्धा में पहला राउंड आयोजन स्थल की गड़बड़ी के चलते नहीं खेला गया आपका इस पर क्या कहना है ?

भा॰सिंह - ये  बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जो निश्चित तौर पर रोकी जा सकती थी । एआईसीएफ़ ज़िम्मेदारी लेती है स्पष्ट तौर पर भरोसा देती है की आगे से ऐसा कभी नहीं होगा । जहाँ तक यूपी शतरंज संघ की बात है श्री रायजादा अच्छे आयोजक रहे है और इससे पहले भी लगातार अच्छे आयोजन किए है अभी पिछली नेशनल चेलेंजर का आयोजन बेहतरीन था । खैर एआईसीएफ़ जांच कर रहा है जो भी दोषी आधिकारी या पदाधिकारी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी उसे बख्शा नहीं जाएगा और आगे से ऐसा कभी नहीं होगा । 

   अंततः 54वीं नेशनल पुरुष प्रीमियर स्पर्धा एक दिन की देरी से शुरू हो गयी ! शुभकामनाए खिलाड़ियों को 

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