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ईरान की खिलाड़ी सारा खादेम को स्पेन ने दी नागरिकता

by Niklesh Jain - 28/07/2023

कभी ईरान की शीर्ष महिला खिलाड़ी कहलाने वाली महिला ग्रांड मास्टर और इंटरनेशनल मास्टर सारा खादेम अब स्पेन की और से शतरंज खेलती नजर आएंगी । पिछले वर्ष कज़ाकिस्तान में हुए विश्व कप के दौरान उन्होने ईरान के नियमों के अनुसार हिजाब पहनने से इंकार कर दिया था और कई कट्टरवादी संगठनों की धमकियों के चलते उनके देश वापस लौटने पर जान का खतरा था और उन पर माफी मांगने का भी दबाव भी बनाया गया पर अब सारा नें अपने कदम वापस नहीं खीचे और स्पेन में शरण लेने का फैसला किया अब सारा को स्पेन सरकार नें स्पेन की नागरिकता प्रदान कर दी है । पढे यह लेख 

हिजाब के लिए ईरान छोड़ने वाली शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम को स्पेन नें दी नागरिकता 

स्पेन ( निकलेश जैन ) हिजाब ना पहनने के चलते पिछले सार सुर्खियों में आई ईरान की शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम को अब स्पेन की नागरिकता मिल गयी है ।

पिछले साल विश्व कप शतरंज के दौरान ईरान की शीर्ष महिला खिलाड़ी सारा खादेम नें हिजाब पहनने से मना कर दिया था और इसके खिलाफ उन्हे ईरान वापस ना लौटने की धमकियाँ मिलने लगी यहाँ तक की उस समय कज़ाकिस्तान पुलिस को उन्हे होटल में ही सुरक्षा देनी पड़ी थी । यहाँ तक की ईरान में रहने वाले उनकी परिवार और रिस्तेदारो को भी कई धमकियाँ मिली , पर मौजूदा ईरानी क्रांति से प्रभावित और उसका समर्थन करते हुए ईरान के लिए अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने वाली 26 वर्षीय सारा नें अपने कदम वापस खीचने से मना कर दिया ,

 

इसके बाद जनवरी में सारा नें स्पेन में शरण लेने का निर्णय लिया और अब स्पेन सरकार नें खास परस्थितयों के अंतर्गत सारा को स्पेन की नागरिकता प्रदान कर दी है ।

देश के आधिकारिक जर्नल ऑफ द स्टेट (बीओई) में खादेम के पूरे नाम का उपयोग करते हुए न्याय मंत्री पिलर लोप ने कहा, "श्रीमती सारसदत खादेमलशरीह से संबंधित असाधारण परिस्थितियों के जवाब हमने उन्हें स्पेनिश राष्ट्रीयता प्रदान की है।"

अपने खेल जीवन में सारा अंडर 12 और 16 विश्व चैम्पियन रह चुकी है , उनके नाम विश्व जूनियर में दूसरा तो दो आयु वर्ग एशियन खिताब भी रहे है और वह विश्व शतरंज ओलंपियाड में ईरान की मुख्य खिलाड़ी हुआ करती थी ।  अभी बही सम्पन्न हुई ग्लोबल चैस लीग में त्रिवेणी कॉन्टिनेन्टल किंग्स टीम को विजेता बनाने में उन्होने खास भूमिका अदा की थी । 

सारा नें स्पेन का धन्यवाद करते हुए कहा की "  मुझ पर अपना निर्णय वापस लेने का बहुत दबाव था पर जब मैं हिजाब पहनती थी तो मैं सारा नहीं होती थी , इसीलिए मुझे अपने निर्णय पर कोई पछतावा नहीं है 



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