chessbase india logo

आरबी रमेश नें मुख्य चयनकर्ता पद से दिया इस्तीफा

by Niklesh Jain - 08/07/2020

वैसे भी कोरोना वायरस नें अन्य सभी खेलो की तरह शतरंज का काफी नुकसान किया है ,सभी राज्य और राष्ट्रीय स्पर्धाए पहले से ही रद्द है और उनके इस वर्ष होने की संभावना भी नजर नहीं आती है ,इसका मतलब है बहुत सी प्रतिभाए जो इन दो वर्षो मे ( 2020 और 2021) मे जो आगे बढ़ सकती थी उनके बहुमूल्य समय का नुकसान पहले ही हो चुका है और भारतीय शतरंज महासंघ ( AICF) के अंदर चल रही ताकत की लड़ाई नें बची खुची कसर पूरी कर दी है । पिछले कई माह से चल रहा विवाद अब और गहराता जा रहा है और ताजा प्रकरण मे इसी खीच तान के बीच भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता नें इस मुश्किल हालत मे काम ना करने का निश्चय करते हुए कथित तौर पर आरबी  रमेश नें इस्तीफा दे दिया है । हालांकि इस्तीफा देने के पहले उन्होने भारतीय टीम की एंट्री विश्व ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड के लिए भेज दी है । पढे यह लेख 

क्या रमेश का इस्तीफा भारतीय शतरंज के बुरे दौर मे होने का बड़ा संकेत है ?

फोटो - डेविड जादा 

पिछले कुछ समय से  जारी भारतीय शतरंज महासंघ का विवाद अब और गहराता जा रहा है और अब इसका प्रभाव आखिरकार भारतीय शतरंज खिलाड़ियों और देश हित से भी टकराने लगा है । ताजा घटनाक्रम मे भारतीय के लंबे समय तक कोच रहे और मुख्य चयनकर्ता नें कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया है । दरअसल जैसा की सभी को पता है की 22 जुलाई से विश्व शतरंज संघ ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड आयोजित कर रहा है और इसके लिए भारतीय टीम के चयन के लिए भारतीय शतरंज महासंघ दो भागो मे बटा हुआ था असली संघ कौन है यह अब विषय कोर्ट के पास है पर दो संघो मे बंटे धड़ों नें एक की जगह दो भारतीय टीम का चयन कर डाला बड़े खिलाड़ियों के नाम तो एक थे पर जूनियर और अतिरिक्त खिलाड़ियों के चयन मे राजनीति अपने चरम पर पहुँच गयी ।

ऐसे मे जब भारतीय टीम इस प्रतियोगिता मे बड़ा पदक अपने नाम कर सकती है फीडे अध्यक्ष अरकादी द्वारकोविच नें आरबी रमेश के संपर्क करते हुए टीम भेजने के लिए कहा और रमेश नें अपनी भूमिका का निर्वाह करते हुए टीम तो भेजी पर सूत्रो की माने तो दोनों तरफ से पड़ रहे इस तनाव से तंग आकर उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया

अब इसके लिए दोनों पक्षो मे आरोप प्रत्यारोप का सिलिसला शुरू हो चुका है और भारतीय टीम के मनोबल पर इसका क्या असर हो रहा होगा आप अंदाजा लगा सकते है । 

कुछ इस प्रकार होगी टीम 

सूत्रो के अनुसार भारतीय टीम में विश्ववनाथन आनंद ,और विदित , हरिकृष्णा ( अतिरिक्त ) पुरुष वर्ग की सीट पर होंगे 

महिला वर्ग की सीट हम्पी हारिका होंगी जबकि वैशाली अतिरिक्त खिलाड़ी के तौर पर होंगी जूनियर खिलाड़ियों में निहाल सरीन और दिव्या देशमुख शामिल है जबकि प्रग्गानंधा और वन्तिका अग्रवाल अतिरिक्त खिलाड़ियों के तौर पर होने की सूचना है हालांकि फीडे द्वारा अभी टीम के नाम तय होने की जानकारी साझा नहीं की गयी है 

 

विश्व शतरंज संघ मे भारत की स्थिति 

अखिल भारतीय शतरज महासंघ की लड़ाई का असर आप फीडे की वेबसाइट पर भी देख सकते है जहां भारत के नाम के आगे लिखा हुआ है की दो धड़ों मे विवाद के चलते अभी भारत के प्रकरण पर नजर रखी जा रही है , मतलब संघ के किसी भी सदस्य का कंही भी नाम इंगित ही नहीं है क्या यह हमारे लिए शर्म की बात नहीं है ?1950 मे चेन्नई मे पहली बार रजिस्टर किए गए संघ को सबसे पहली बार 1956 मे विश्व शतरंज संघ से मान्यता मिली थी तब से लेकर अब तक 64 वर्षो मे यह पहला मौका है जब 64 खानों का यह खेल इस तरह की स्थिति का सामना कर रहा है और यहाँ यह भी याद रखे यह अप्रिय स्थिति उस देश मे बनी है जो इस खेल का जन्मदाता होने का गर्व हमेशा लिए आगे बढ़ता रहा है । 

भारत सरकार के साथ रद्द हुई संबद्धता 

 

25 जून को भारतीय शतरंज संघ का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और चुनाव विवादों और कोरोना के चलते नहीं हो सके है और ना ही इसे विशेष सभा बुलाकर आगे बढ़ाया गया है ऐसे मे दिल्ली हाई कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार चलते हुए खेल मंत्रालय नें कभी ए केटेगेरी स्पोर्ट्स फेडरेशन की सूची मे शामिल भारतीय  शतरंज संघ की मान्यता को वापस ले लिया है  तो अगर सीधे शब्दो मे कहे तो फिलहाल आधिकारिक तौर पर ना तो कोई भारत का अधिकृत शतरंज संघ है ना ही कोई अधिकृत पदाधिकारी और

याद रहे भारत सरकार के नियमों के अनुसार ऐसे मे कोई भी संघ किसी भी टीम को विश्व स्तर पर भारत के नाम का इस्तेमाल करते हुए या भारत के प्रतिनिधि बनाकर नहीं उतार सकता !

सील है सारे बैंक अकाउंट 

आपको ये भी बता दे की की करोड़ो की राशि वाले अखिल भारतीय शतरंज संघ के बैंक अकाउंट भी विवाद के चलते सील किए जा चुके है मतलब जो पैसा खिलाड़ियों के खेलने पंजीकरण ,टूर्नामेंट की फीस और आयोजको की पुरूष्कार राशि के साथ साथ सरकार के अनुदान से आता है वह सभी फिलहाल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है 

 

मतलब 5 बार विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद से लेकर सारे दिग्गज किस टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे ?

क्या भारतीय शतरंज जीतेगा ये लड़ाई या हारेगा ?

विश्व शतरंज को शतरंज के कई दिग्गज देने वाला भारतीय शतरंज जगत राजनीति के 64 खानों में उलझकर कहीं अपने सुपर शक्ति बनने के सपने को ज्यादा नुकसान ना पहुंचा दे ? सही गलत की पहचान और अहम की लड़ाई में क्या भारतीय शतरंज संघ बाहर आ पाएगा या स्थिति और बुरी ही होने वाली है । क्यूँ नहीं हम अपने मनमुटाव भुला कर देशहित की बात सोचते ओहह ... क्षमा कीजियेगा गलत वैसे नहीं कहा मैंने 

यह बात सभी को याद रखनी चाहिए ये जो द्वीप भारतीय प्रतिभाओं नें जलाया है इसे प्रज्वलित रखना सबसे महत्वपूर्ण है वर्षो बाद लोग इन खिलाड़ियों को याद रखेंगे ना की पदाधिकारियों को ! क्या फीडे भी मूक दर्शक की अपनी भूमिका से बाहर आकर विवाद सुलझाने की कोशिश करेगा ?

देखते है क्या होता है ? हम तो आशावादी है और उम्मीद करते है विवाद का निपटारा होगा और भारतीय शतरंज पुनः गति पकड़ेगा