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रैपिड -ब्लिट्ज़ टूर्नामेंट फीडे ने किए निःशुल्क

by Niklesh Jain - 08/01/2021

किसी भी खेल संघ के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा आयोजित होने वाले टूर्नामेंट के पंजीकरण से मिलने वाली राशि से होता है । विश्व शतरंज संघ हो या अखिल भारतीय शतरंज संघ या अन्य राज्य संघ उनके राजस्व का भी यह एक बड़ा स्त्रोत होता है । वैसे तो ऑन द बोर्ड शतरंज टूर्नामेंट अभी बंद पड़े हुए है पर इस बात का ध्यान रखते हुए की पिछले एक साल से कोविड के चलते इसका काफी जादा नुकसान शतरंज जगत को उठाना पड़ा है फीडे नें एक बड़ा निर्णय लिया है और 2021 और 2022 मे आयोजित होने वाले ऑन द बोर्ड रैपिड और ब्लिट्ज़ टूर्नामेंट के पंजीकरण मे फीडे के द्वारा ली जाने वाली राशि को शून्य कर दिया है मतलब अब आयोजको को दुनिया भर मे ऑन द बोर्ड रैपिड और ब्लिट्ज़ रेटिंग टूर्नामेंट आयोजित करने मे सहूलियत होगी । पढे यह लेख और जाने की भारत मे इसका क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है ... 

ऑन द बोर्ड रैपिड और ब्लिट्ज़ की फीडे नहीं लेगा कोई राशि !

जब आप हम कोई टूर्नामेंट खेलने जाते है तो पहले उसकी एंट्री फी जमा करते है और टूर्नामेंट मे जाकर खेल का आनंद उठाते है पर उसके पहले आयोजन समिति को काफी कुछ करना होता है । भारत की बात करे तो आपको अपने राज्य संघ की अनुमति से उन्हे एक राशि ( राज्य पंजीकरण ) देते हुए एक आवेदन अखिल भारतीय संघ को भेजना होता है जहां आपको एक राशि ( राष्ट्रीय संघ और फीडे का पंजीकरण शुल्क ) जमा करनी होती है और इसके बाद जाकर टूर्नामेंट को आयोजित करने की अनुमति मिलती है । आवेदन कुछ यूं होता है 

अभी के अखिल भारतीय शतरंज संघ के नियम अनुसार अगर आपको कोई टूर्नामेंट दो लाख तक की पुरुष्कार राशि का आयोजित करना हो तो आपको 15000 रुपेय पंजीकरण राशि देनी होती है 

जिसमें एक हिस्सा फीडे को दी जाने वाली फीस होती है जिसे फीडे नें अगले दो सालो के लिए हटा दिया है 

फीडे के द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट 

 

तो इसका भारतीय शतरंज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ?

भारत मे पिछले दो वर्षो मे रैपिड और ब्लिट्ज़ टूर्नामेंट के आयोजन मे एक बड़ा उछाल आया है और अगर कोविड के बाद स्थिति सुधरती है और अखिल भारतीय शतरंज संघ भी फीडे की इस मुहिम को आगे बढ़ाता है तो हमें आने वाले कुछ समय मे भारत मे बहुत सारे टूर्नामेंट देखने को मिल सकते है । रैपिड और ब्लिट्ज़ टूर्नामेंट बस दो से तीन दिन मे खत्म हो जाते है ऐसे मे देश मे खेल के प्रचार मे यह बड़ी भूमिका निभा सकते है । इससे शायद खिलाड़ियों के प्रवेश शुल्क पर ज्यादा फर्क ना पड़े पर आयोजन करना आसान होने से टूर्नामेंट की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ सकती है और यह खेल के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है । 

अब देखना होगा की क्या नवीन एआईसीएफ़ कार्यकारिणी इस बारे मे कोई दिशा निर्देश जारी करेगी हम इस बारे मे आपको कोई भी नयी जानकारी तुरंत देंगे । 

 


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