क्या पदमिनी फिर बनेंगी नेशनल चैम्पियन !
सूरत में चल रही 44वीं नेशनल महिला प्रीमियर शतरंज स्पर्धा में प्रतियोगिता नें अपना आधा पड़ाव पार कर लिया है और 11 राउंड के इस मुक़ाबले में 6 राउंड के बाद वर्तमान राष्ट्रीय चैम्पियन पदमिनी राऊत लगातार अपने चौंथे राष्ट्रीय खिताब की ओर बढ़ती नजर आ रही है । उन्होने इससे पहले 2014 में सांगली में ,2015 में कोलकाता में और 2016 में नई दिल्ली में यह खिताब अपने नाम करते हुए ख़िताबी हेट्रिक पहले ही पूरी कर की थी । लगातार खिताब जीतने के मामले में एस विजयालक्ष्मी (5) सबसे आगे है जबकि रोहनी खादिलकर (3) और मेरी गोम्स (3) की बराबरी वह पहले ही कर चुकी है । खैर छठे राउंड में छह में से पाँच मैच के परिणाम जीत और हार के रूप में सामने आए जबकि सिर्फ एक मैच अनिर्णीत रहा । पिछले राउंड में खेल भावना से सबका दिल जीतने वाली सौम्या स्वामीनाथन नें आज मैच जीतते हुए वापसी की राह पकड़ी तो युवा समृद्धा नें अपनी पहली जीत दर्ज की पढे यह लेख !
सबसे पहले इतिहास पर एक नजर !!
( तस्वीर http://corneredzone.com के सौजन्य से )
भारतीय महिला शतरंज प्रतियोगिता की आधिकारिक शुरुआत सन 1974 में बेंगलोर से हुई थी और सही मायनों में उसे अपना पहला बड़ा चेहरा 1976 में मात्र 13 वर्ष की रोहनी खादिलकर के रूप में मिला उन्होने 1976 (कोट्टायम ) .1977 (हैदराबाद ) ,1979 (चेन्नई ) में लगातार तीन राष्ट्रीय खिताब और 1981 (नई दिल्ली ) और 1983 (कोट्टायम ) में मिलाकर कुल 5 राष्ट्रीय खिताब जीते । 1981 (हैदराबाद ) और 1983 ( मलेशिया ) मैं उन्होने एशियन विजेता होने का गौरव हासिल हुआ । वर्ष 1981 में वह इंटरनेशनल मास्टर बनी और 1980 में उन्हे अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया । तब तत्कालीन खुद प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी नें उन्हे शतरंज का भारतीय प्रतिनिधि घोषित करते हुए दुनिया भर में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था । भारतीय शतरंज में उनके योगदान को चेसबेस इंडिया उनका अभिवादन करता है !
( सभी तस्वीरे अंकित दलाल के सौंजन्य से )
सबसे पहले बात करे आज के सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले की जो की पदमिनी और नंधिधा के बीच था और काले मोहरो से खेल रही पदमिनी नें किंग पान ओपनिंग का जबाब सिसिलियन वेरिएसन चुन कर दिया । शुरुआत से नंधिधा नें सफ़ेद मोहरो को भरपूर फायदा लेते हुए पदमिनी पर दबाव बनाए रखा पर पदमिनी नें संतुलित चाले चलते हुए हालत कभी बिगड़ने नहीं दिया और समय समय पर मोहरो की अदला बदली होती रही । और 40 चालों के बाद ऐसा लगा की मैच ड्रॉ हो जाएगा पर तभी एंडगेम में नंधिधा की प्यादे की गलत चाल से उनका एक महत्वपूर्ण प्यादा मर गया और मौके का फायदा उठा कर पदमिनी नें मैच जीत लिया ,
और ऐसे में उनकी दूसरी प्रतिद्वंदी मीनाक्षी सुब्रमण्यम को पूर्व विश्व जूनियर चैम्पियन पीएसपीबी की सौम्या स्वामीनाथन के हाथो पराजय नें पदमिनी को एकल बढ़त दिला दी ।
कल शानदार खेल भावना दिखाने वाली सौम्या स्वामीनाथन के लिए आज की यह जीत राहत लेकर आई
अन्य मुकाबलों में आज कॉमनवैल्थ विजेता स्वाति घाटे नें लगातार दो हार के बाद आज सबसे पीछे चल रही महाराष्ट्र की श्रष्ठि पांडे को पराजित करते हुए वापसी की राह पकड़ी
कल पदमिनी से ड्रॉ खेलकर उसे चौंकाने वाली समृद्धा घोष नें आज अनुभवी किरण मनीषा मोहंती को पराजित करते हुए प्रतियोगिता में अपनी पहली जीत दर्ज की
तो एयर इंडिया की भक्ति कुलकर्णी नें महाराष्ट्र की साक्षी चित्लांगे को पराजय का स्वाद चखाया
वही मेरी गोम्स को बाला कनप्पा नें बराबरी पर रोक कर झटका दिया ।
छह राउंड के बाद पदमिनी 5 अंक के साथ पहले स्थान पर है और उनसे ठीक 1 अंक पीछे 4 अंक पर मीनाक्षी ,नंधिधा ,सौम्या और भक्ति सयुंक्त दूसरे स्थान पर चल रही है । मेरी एन गोम्स 3.5 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है । अन्य खिलाड़ियों में साक्षी और स्वाति 2.5 अंक पर , समृद्धा ,बाला और किरण 2 अंक पर और श्रष्ठि आधा अंक पर खेल रही है ।
एक दिन के बाद मुक़ाबले जब शुरू होंगे तो बचे हुए पाँच राउंड मे जो बेहतर खेल दिखाएगा वह खिताब ले जाएगा
भारतीय महिला शतरंज के सितारे एक तस्वीर में !