सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में बालिका शतंरज खिलाड़ियों का परचम
भारतीय शतरंज जगत की चार बालिका खिलाड़ियों ने शतरंज की बिसात पर धूम मचाते हुए अपने पढ़ाई के रणक्षेण भी अपना परचम लहराया है। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में इन चारों धुरधंर बालिक खिलाड़ियों ने 90 प्रतिशत से ऊपर अंक अर्जित कर शतरंज प्रेमियों को गौरवान्वित किया है। 2 महिला ग्रांड मास्टर नार्म हासिल कर चुकी महिला इंटरनेशनल मास्टर दिल्ली की वंतिका अग्रवाल ने 95 प्रतिशत अंक, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की संस्कृति गोयल ने 94.8 प्रतिशत अंक,जम्मू कश्मीर की मीनल गुप्ता ने 97 प्रतिशत अंक और नागपुर की चेस क्वीन मृदुल देहांकर 93.80 प्रतिशत अंक हासिल कर अपना डंका बजा दिया है। पढ़े नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
भारत की बालिका शतरंज खिलाड़ी ! खेल के साथ पढ़ाई के मैदान में भी अव्वल !
महिला इंटरनेशनल मास्टर वन्तिका अग्रवाल
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल नोएडा की छात्रा महिला इंटरनेशलन मास्टर वंतिका अग्रवाल ने सीबीएसई12वीं की परीक्षा में 95% अंक अर्जित कर अपने पूरे परिवार के साथ शतरंज प्रमियों को भी उत्साहित किया है। वंतिका ने लगभग पूरे साल शतरंज की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और 12वीं की परीक्षा के लिए इन्हें माात्र 2 महिने ही समय मिला। जिसमें इन्होंने अपने पाठ्यक्रम की तैयारी कर परीक्षा दी और यह उपलब्धि हासिल की।
वन्तिका नें लगभग सभी विषय मे 95% अंक अर्जित किए
वहीं इनके शतरंज की उपलब्धियों की बात करें तो वंतिका भारत की बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक मानी जाती है। हाल ही में यह महिला ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड के लिए भारतीय टीम के लिए चुनी गईं हैं।
इससे पूर्व इन्होंने पिछले वर्ष मुंबई में आयोजित हुई विश्व शतरंज चैम्पियनशिप के अण्डर 18 महिला आयु वर्ग रजत पदक, एशियन जूनियर शतरंत प्रतियोगिता के स्टैण्डर्ड और रैपिड में भारत के लिए 2 रजत पदक, अण्डर 20 आयु वर्ग में वेस्टर्न एशियन जूनियर में 2 सिल्वर मेडल (स्टैंडर्ड और ब्लिट्ज में) और नेशनल वूमेन चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी हासिल कर चुकी है।
22 जुलाई से शुरू हो रहे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड के लिए चयनित भारतीय टीम
संस्कृति गोयल: शतरंज के साथ पढ़ाई की बिसात पर भी मचा रही धूम
उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा की बिटिया व भारत की बेहतरीन बालिका शतरंज खिलाड़ियों में शुमार संस्कृति गोयल ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में शानदार अंक अर्जित किया है। सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल आगरा की छात्रा संस्कृति ने 12वीं में 94.4 % अंक प्राप्त किया है। संस्कृति ने 10वीं सीबीएसई की परीक्षा में भी 90. 4% अंक हासिल किए थे। संस्कृति परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होने के लिए एक दिन में लगभग 7 घंटे तक पढ़ाई की । इस दौरान इन्होंने सोशल मडिया से दूरी बनाए रखा।
बात करें इनके शतरंत के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन की तो 2017 में अहमदाबाद गुजरात में आयोजित अण्डर 15 सब जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप में इन्होंने लगातार सात राउण्ड में जीत हासिल कर प्रतियोगिता में इन्होंने उपविजेता का ताज हासिल करते हुए 2018 में आयोजित होने वाली वर्ल्ड और एशियाई चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। 2018 में थाईलैंड में आयोजित एशिनयन यूथ अंडर 16 ब्लिट्ज में रजत पदक जीता। फिर इन्होंने वर्ल्ड सब जूनियर चैम्पियनशिप 2018 की प्रतियोगिता में रजत पदक जीत बड़ी उपलब्धि हासिल की। वर्ष 2019 में चेसबेस ग्रुप के साथ दुबई और शारजाह के मास्टर्स टूर्नामेण्ट में भी इन्होंने अच्छा खेल दिखाया। संस्कृति की इस उपलब्धि पर इनके पिता दीपक गोयल ने प्रशिक्षक ग्रांडमास्टर हिमांशु शर्मा और ब्रजेश अग्रवाल के साथ सेंट एंड्रयूज स्कूल आगरा को उनकी प्रेरणा और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया।
मीनल गुप्ता: ग्रांडमास्टर और आईएएस अधिकारी बनना है लक्ष्य
जम्मू कश्मीर के सैनिक कॉलोनी जम्मू की रहने वाली व जोधामल पब्लिक स्कूल में 12वीं की छात्रा मीनल गुप्ता ने भी सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 97% अंक हासिल कर बड़ी उपलब्धि पाई है। शतरंत की बड़ी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के कारण मीनल को 2 ही महीने स्कूल में पढ़ पाई। पढ़ाई के साथ शतरंज के क्षेत्र में मीनल ने काफी उपलब्धियां हासिल की हैं। वहीं इन्हें कई सम्मान भी मिला है।
मीनल ने 2016 में श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रमंडल शतरंज प्रतियोगिता में अंडर 14 आयु वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके ठीक बाद इन्होंने 2016 में ही जम्मू में आयोजित साउथ एशियाई एमेच्योर शतरंज चैंपियनशिप के अंडर 16 आयु वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया। मीनल भारतीय खेल प्राधिकरण साई से पुस्कार प्राप्त करने वाली जम्मू कश्मीर की एकमात्र शतरंज खिलाड़ी हैं। 2017 में प्रतिष्ठित स्टेट अवार्ड और शेर-ए-कश्मीर स्पोर्ट्स अवार्ड के अलावा रंगील सिंह अवार्ड से सम्मानित हो चुकी है। मीनल ने बताया कि जीवन में उसका उद्देश्य शतरंज में महिला ग्रांडमास्टर बनने के साथ ही आईएएस अधिकारी भी बनना है।
मृदुल देहांकर: शतंरज खेलने से मिली एकाग्रता का पढ़ाई में मिला लाभ
चेस क्वीन के नाम से जाने जाने वाली नामपुर की दूसरी महिला इंटरनेशनल मास्टर मृदुल देहांकर ने अपनी सीबीएसई हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में 93.80 प्रतिशत अंक अर्जित पढ़ाई के मैदान में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। मृदुल बताती है की शतरंज प्रतियोगिताओं में भाग लेने के कारण वह अपनी परीक्षा की तैयारियों के लिए कुछ ही समय दे पाई। बिना ट्यूशन का सहारा लिये ही मृदुल ने यह सफलता हासिल की की। उन्होंने ने बताया कि शतरंज खेलने से उनका कॉन्स्ट्रेशन काफी मजबूत होता है। इसका लाभ उन्हें पढ़ाई में भी मिला।
मृदुल के शतरंज उपलब्धियों की बात करे तो पिछले साल ही विश्व स्तर की 6 टूर्नामेण्ट में पदक जीता है। जिसमें उन्होंने शारजाह अंतरराष्ट्रीय जीएम टूर्नामेण्ट शारजाहं, केआईआईटी शतरंज महोत्सव भुवनेश्वर और मुंबई मेयर कप शतरंज टूर्नामेण्ट में सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का खिताब जीता। वहीं वेस्टर्न एशिया यूथ एण्ड जूनियर चेस चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल और इसी के ब्लीट्ज टूर्नामेण्ट में सिल्वर मेडल का खिताब अपने नाम किया है।
बात करें राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तो मृदुल ने पिछले वर्ष तमिलनाडु में आयोजित नेशनल अंडर-15 गर्ल्स चेस चैम्पियनशिप में रजत पदक और तमिलनाडु में ही सीनियर नेशलन महिला शतरंज प्रतियोगिता में पांचवा स्थान हालिल करते हुए अपना तीसरा महिला आईएम नार्म हासिल करते हुए महिला इंटरनेशलन का खिताब अपने नाम किया। वर्तमान में मृदुल की रेटिंग 2256 है।
विश्व शतरंज दिवस के अवसर पर इन चारों बालिका शतरंज खिलाड़ियों को सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन अंक अर्जित करने के लिए चेसबेस इंडिया की पूरी टीम की तरफ से हार्दिक बधाई।