गिरीश बने अक्षयकल्पा कर्नाटक शतरंज विजेता
बैंगलोर में सम्पन्न हुई एतिहासिक अक्षयकल्पा कर्नाटक राज्य शतरंज स्पर्धा का खिताब पूर्व विश्व अंडर 10 चैम्पियन गिरीश कौशिक नें अपने नाम कर लिया । पाँच दिन तक चली इस प्रतियोगिता नें भारतीय शतरंज के इतिहास में राज्य स्तर की प्रतियोगिता का एक नया मापदंड स्थापित कर दिया । तकरीबन 1000 खिलाड़ी और विश्व स्तरीय इंतज़ामों के बीच खेली गयी स्पर्धा में अक्षयकल्पा नें शतरंज खेल को चुनकर ना सिर्फ इस खेल को और बेहतर बनाने में मदद की है बल्कि अन्य राज्यो को भी प्रेरित किया है की वह भी ऐसे आयोजन आयोजित भविष्य में आयोजित कर सकते है । पाँच दिवसीय इस स्पर्धा के दौरान प्रकृति और उसके रख रखाव से संबन्धित रोज किसी ना किसी विद्वान नें अपने विचार सामने रखे तो चेसबेस इंडिया नें कर्नाटक के कोने कोने से आए नन्हें खिलाड़ी और उनके अभिभावकों को शतरंज खेल की बारीक जानकारी से लेकर विश्व के बेहतरीन शतरंज साहित्य और तकनीक से अवगत कराया । कुल मिलाकर अक्षयकल्पा नें कर्नाटक शतरंज का नया काया कल्प कर दिया है !
बैंगलोर ,कर्नाटक ( निकलेश जैन ) पूर्व विश्व अंडर 10 चैम्पियन और दो बार के विश्व अंडर 16 रजत पदक विजेता इंटरनेशनल मास्टर गिरीश कौशिक नें कर्नाटक ओपन शतरंज का खिताब अपने नाम कर लिया । उन्होने टाईब्रेक में ग्रांड मास्टर तेज कुमार को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब दूसरी बार हासिल किया ।उन्होने कुल 9 अंक बनाए वैसे तो 9 अंको पर
ग्रांड मास्टर तेज कुमार और ओजस कुलकर्णी भी थे पर टाईब्रेक के आधार पर तेजकुमार दूसरे तो
ओजस तीसरे स्थान पर रहे
पूर्व कर्नाटक विजेता एन संजय चौंथे स्थान पर रहे
टॉप सीड जीए स्टेनी के लिए कुछ सबक हासिल करने का समय रहा ,वह पांचवे स्थान पर रहे
किसी भी प्रतियोगिता का सबसे रोचक पल होता है जब सबसे बड़े दो खिलाड़ी अंतिम निर्णायक राउंड मे आपस में मुक़ाबला खेल रहे हो और ऐसा ही कुछ यहाँ भी हुआ जब गिरीश कौशिक कर्नाटक के पहले ग्रांड मास्टर तेजकुमार का मुक़ाबला कर रहे थे
909 खिलाड़ियों नें रचा इतिहास
अक्षयकल्पा - नें किया कर्नाटक शतरंज का काया कल्प !
कर्नाटक की किसानो को दुग्ध उत्पादन और खेती में बढ़ावा देने वाली कंपनी अक्षयकल्पा नें चकाचौंध से दूर शतरंज जैसे खेल में 40 लाख रुपेय इस प्रतियोगिता के आयोजन पर खर्च किए और उनके सीईओ शशि कुमार नें इस बौद्धिक खेल के जरिये भारत को अच्छे नागरिक देने के अपने उद्देश्य को सामने रखा । प्रतियोगिता में कुल 10 लाख रुपेय के पुरुष्कार खिलाड़ियों को दिये गए ।
सभी खिलाड़ियों को मैच के दौरान मिलता था मुफ्त दूध -
अक्षयकल्पा नें मैच के दौरान सभी खिलाड़ियों के लिए निःशुल्क दूध की व्यवस्था की थी और प्रतिदिन सैकड़ों लीटर दूध खिलाड़ियों को दे दिया जाता साथ ही दूध से बने सभी स्वास्थ्य वर्धक खाद्य पदार्थ भी खिलाड़ियों को दे दिये जा रहे थे
किशन गंगोली के खेल जीवन की नवीन शुरुआत
इस दौरान राष्ट्रीय ब्लाइंड शतरंज चैम्पियन किशन गांगुली जो की आर्थिक तंगी और सरकार की ओर से कोई मदद ना पाकर शतरंज छोड़ने जा रहे थे अक्षयकल्पा नें उन्हे ना सिर्फ अपना ब्रांड अम्बेस्डर बनाया बल्कि उन्हे अब वह प्रायोजित भी करेगी ।
राउंड 10के बाद फ़ाइनल रैंकिंग !
इस दौरान चेसबेस इंडिया की पूरी टीम नें खेल के प्रचार प्रसार में अपनी बेहतरीन भूमिका निभाई